फ्लोटिंग आइकॉन

आशारामजी बापू की संपत्ति

आजकल फिर सुनियोजित तरीके से बापूजी और उनके आश्रमों की संपत्ति को लेकर लोगो को गुमराह किया जा रहा है सिर्फ इसलिए की उस तरीके से नही तो इस तरीके से उनके खिलाफ जनमत तैयार किया जा रहा जो बहुत ही निंदनीय है
क्या मुझे कोई बताएगा की कोई मिदियावाला या प्रेस वाला कभी चर्चो की सम्पत्ति पे कोई ट्रायल चलाया था बार बार ????
क्या पादरियों ,मुल्ला मौलवियों ,राजनेताओ के पास कोई अरबो की संपत्ति नही है ????? क्या वक्फ बोर्ड और कथोलिक चर्चो के पास कोई संपत्ति नही है ???? है है है है तो फिर उस सबको न दिखाकर जहा लाखो लोगो को सही मार्गदर्शन देने वाले संत श्री आसारामजी बापू और उनके आश्रमों पर ही बार बार क्यों मिडिया प्रेस पुलिस नेताओ द्वारा हमला किया जा रहा है आखिर क्यों ??????
जिस जमींन की २० -२५ साल पहले कोई कीमत नही थी और बेकार पड़ी थी अगर उसे खरीद कर कोई आश्रम बना लिया और फिर वहा उसका प्रचार प्रसार होने से वहा भीड़ होने लगी फिर वहा आस पास के क्षेत्रो में भी विकास होने से २० - २५ साल बाद अगर उसकी कीमत बढ़ गयी तो इसमें क्या आश्चर्य फिर इसे मुद्दा बनाकर लोगो को गुमराह करने का क्या मतलब है मीडियावालो का या प्रेस वालो का वालो का

अरे इन मिडिया वालो का खुद संपत्ति देखि जाये तो अरबो में निकलेगी तो क्या ये भी उसे गलत मानेंगे ?????? भिखमंगे पत्रकार रातोरात करोडो अरबो के मालिक कैसे बन जाते है क्या जनता ने ये जानने की कोशिश की है ????? या फिर बस संतो को भी बदनाम करने की कोशिश में हरदम जुटी रहती है ??????

दोस्तों आज आप कोई घर १० -१५ लाख में खरीदते है और १५ -२० साल बाद अगर उसकी कीमत ५०-६० लाख हो जाये तो क्या आपकी संपत्ति को लेकर आप के ऊपर गलत टिप्पणी करना जायज है ????? आप खुद सोचे
दूसरी बात की जो भी संपत्ति है वो सब ट्रस्ट का है जिसमे सरकार की भी भागीदारी होती है और उसे उनके भक्त लोग अपने कमाई से बनवाते है फिर उसमे बापूजी को घसीटना अच्छा नही है .............. क्योकि ये मिडिया प्रेस वाले लोगो को भड़काकर आश्रम और सरकार में झगडा करवाकर सारी सम्पत्ति को सरकार के कब्जे में करवाना चाहते है क्योकि इससे वहा कोई भी हिन्दू धर्म कर्म का काम नही होगा और और न ही हिन्दू की सस्कृति को आगे बढ़ानेवाले कोई कार्यक्रम होंगे और न ही इतने हिन्दू लोग जुटेंगे वहा जिअसे हिन्दुओ का सत्यानास हो जायेगा
सोचो समझो और मिडिया के गंदे चाल से बचो
समझदारो के लिए इशारा ही काफी है
जय महाकाल

बस बक बक करते रहो ,,,,,बिना जाने बिना सोचे बिना कोई सबूत के,,,,

सुनने की हिम्मत हो तो सुनो ..!!

संत आसाराम जी बापू के नाम पर १ रूपये की संपत्ति हो आज तक तो जाओ फिर से उसका सबूत लाओ ,,,,,पूरा सच सुनो,,,,,

आप जिसे आश्रम कहते है वो स्थानीय साधको की समिति
'योग वेदान्त सेवा समिति' की संपत्ति है ,,,,आश्रम साधना करने का स्थल है वहा कोई भी आकर साधना कर सकता है,,,,,पूरे भारत में ऐसे ४५० आश्रम में है,,,,
कही भी किसी भी संपत्ति पर बापू जी का नाम तक अंकित नहीं है ,,,,
आपको खुला निमंत्रण है आश्रम में २ दिन, ४ दिन, १ साल १० साल बिताने का।
आओ और देखो आप क्या महसूस करते है ,,,,, वैसे हमे पता है कि आप जेसे अधीर लोग आश्रम में जायदा दिन रह नहीं पायेंगे ,,,,,, अष्टांग योग पद्धति से परिपूर्ण जीवन शेली आप जेसे लोग झेल नहीं पायेंगे सुबह ४ बजे से रात्रि ९ बजे तक ध्यान पूजन आसन से लगा कर अध्यात्म चर्चा आपके बस की बात
नहीं ,,,,, २४ घंटो में से सोने के ६ घंटे हटा के बाकि बचे १८ घंटे सिर्फ और सिर्फ इश्वरिय आराधना करना आपके बस की बात नहीं,,,पण्डे जी ।

जुआघर, शराब खाने खोलने से अच्छा है किआराधना साधना के लिए आश्रमों का निर्माण करना,,,, पण्डे जी बिजनेस वाली बात करते समय ये क्यों भूल जाते हो,,,,,लुटेरे विदेशी कम्पनियों की महंगी दवाईयो के मुकाबले अगर
आयुर्वेद ओषध वो भी लागत मूल्य पर लोगो को उपलब्ध करवाना अगर बिजनेस है तो ऐसा बिजनेस करना महा पुण्य का काम है ,,,,,जाओ पता करो २०० ग्राम संत कृपा चूर्ण जो कब्जियत, खाँसी,बुखार आदि मिटा देता है,,,सिद्ध औषधि है,,,, सिर्फ २० रूपये में।,,,,, जो लागत मूल्य है उसी मूल्य में साधको को उपलब्ध करवाना तुम्हारी नजर में पाप है तो ये महा पाप हमेशा करना जरुरी है



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